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Tuesday 29 January 2013

आराम से चुदाई कुंवारी बुर की 2


वो जिस्म की आग से तप रही थी। उसने मुझे अपनी ओर खींचा जैसे कह रही हो- मेरे जिस्म में समा जाओ !

मैंने उसके जिस्म को ऐसे चाटना शुरु किया जैसे वो कोई लॉलीपॉप हो !

फिर थोड़ी देर बाद घंटी बजी और हम दोनों डर गए कि आज तो मर गए, हमें लगा कि उसके मम्मी-पापा आ गये हैं, उसने अपने कपड़े पहने और बाल ठीक किये, मुझे कहा- अपनी किताब खोल कर बैठ !

मैंने वैसा ही किया। वो दरवाजे पर गई।

जब दरवाजा खुला तो मेरे सामने मेरी मम्मी थी। मैं तो सच में डर ही गया कि कहीं मम्मी को शक तो नहीं हो गया और चारू के चेहरे पर भी उदासी छा गई।

मम्मी मेरे पास आई, बोली- बेटा पढ़ कर जल्दी आजियो, कुछ काम है।

मैंने कहा- बस आने वाला हूँ थोड़ी देर में।

और फिर मम्मी चली गई।

चारू के मुंह से 'ओह माय गोड' निकला और हंसने लगी, बोली- आज तो मर ही गए थे !

मैंने कहा- हाँ, बच तो गए !

तो मैंने उसे फिर से पकड़ लिया और उसके होंटों को चूसने लगा।

फिर थोड़ी देर बाद वो बोली- संदीप अब मन नहीं है, बाद में करेंगे।

तो मैंने उसे छोड़ दिया और कहा- जैसा आपकी मर्जी !

फिर दो महीनों के बाद एक दिन मेरे घर कोई न था तो मैं उसके घर गया। वहाँ उसकी मम्मी थी, तो मैंने आंटी को कहा- आँटी चारू को मेरे घर भेज देना, नेट चलवाना है।

तो आंटी बोली- बोल दूंगी।

और फिर वो थोड़ी देर बाद मेरे घर आ गई। मैंने उसे अपने बेडरूम में बुलाया और कहा- आज मौका है।

वो बोली- मतलब?

मैंने कहा- मैडम, आज घर पर कोई नहीं है।

तो वो बोली- नहीं, मुझे नहीं करना ये सब !

जब मैंने कारण पूछा तो नहीं बताया, तो मैंने उसे पकड़ कर चूमना शुरु कर दिया और बेड पर लिटा दिया।

मैंने जैसे ही उसकी सलवार उतारी तो वो रोने लगी और बोली- आज नहीं संदीप !

मैंने कहा- क्यूँ नहीं?

तो उसने बताया- मेरे मेंसेस आने वाले हैं।

मैंने कहा- कोई बात नहीं ! मेरे पास कंडोम है।

तो बोली- नहीं, फिर कभी।

तो मैंने गुस्से में आकर उसे कह दिया- चल भाग जा यहाँ से ! साली, पागल इतनी डरती है? मैं तुमसे नफरत करता हूँ।

तो दोस्तो, वो बहुत जोर से रोने लगी, इतनी जोर से कि आवाजें बाहर जा रही थी।

तो मैंने उसे चुप किया और उसके होंटों को अपने होंटों में दबा लिया फिर वो रोते रोते बोली- तो कर लो पर आराम से ! मुझे डर लगता है यह सब करने में।

तो मैंने कहा- डर कैसा?

तो बोली- मैंने फिल्मो में देखा है कि बहुत गन्दी तरह से करते हैं वो, प्लीज़ तुम ऐसे मत करना।

तो मैंने हंस कर कहा- तुम ब्लू फिल्म्स की बात कर रही हो?

तो बोली- हाँ यार।

तो मैंने अपने कंप्यूटर पर ब्लू फिल्म चला दी, उसने अपने हाथ अपनी आँखों पर रख लिए।

मैंने उसके हाथ पकड़ लिए और जब फिल्म ख़त्म हुई तो मैंने पूछा- कैसी लगी?

तो वो कुछ नहीं बोली।

मैंने देखा तो उसकी नजरें झुकी थी और उसका चेहरा बिल्कुल लाल हो गया था।

मैंने समय न ख़राब करते हुए उसके बालों को सहलाया और उसके बाल खोल दिए, वो अब और भी सुंदर लग रही थी।

फिर मैंने उसके गालों को चूसना शुरु किया। वो अब भी कुछ न बोल रही थी, मैं समझ गया था कि अब वो सेक्स में पागल हो चुकी है, मैंने उसे पकड़ कर बेड पर लिटा दिया और उसके चूचों को दबाने लगा।

उसके मुँह से हल्की-हल्की आवाजें आ रही थी- ऊह्ह आ आआ !

मैंने उसकी चूत पर हाथ फेरना शुरु किया और वो भी पागल होती जा रही थी, मेरा तो लंड फटने को हो रहा था। मैंने अपनी पैंट खोल कर उसका हाथ पकड़ के अपने लंड पर लगा दिया, उसने मेरा लंड अपने हाथ में पकड़ लिया और उसे ऊपर-नीचे करने लगी।\

अब मुझे भी मजा आ रहा था।

चारू बोली- संदीप, तेरा तो लंड बहुत बड़ा है।

फिर हुई उसकी चुदाई शुरू, मैंने उसकी दोनों टांगो को उठाया, उनके बीच बैठ गया और उसकी चूत को पहले हल्के से उंगली से सहलाया और फिर उसके अंदर अपनी एक उंगली डाली। वो भी मजा लेने लगी। फिर मैंने अपनी दो उंगलियाँ डाली और उसके मुँह से आवाजें आनी शुरू हो गई- संदीप, बहुत दर्द हो रहा है, संदीप रहने दो !

मैं कहाँ मानने वाला था, मैंने ५ मिनट तक किया और मैं देख रहा था कि वो मदहोश होती जा रही है। मैंने फिर उसकी गोरी गोरी गर्म चूत पर अपना मुँह लगा दिया और उसकी चूत को चाटने लगा।

बस फिर क्या, उसके मुँह से आवाजें आनी शुरू हो गई- ऊह्ह्ह्ह आआ आआआअ !

मैंने अपना लंड उसकी चूत पर रख कर हल्का सा झटका ही मारा था कि वो दर्द के मारे रो उठी।

मैं समझ गया कि वो कुंवारी बुर थी !

उसके मुँह से आवाज आई- संदीप मत करो, बहुत दर्द हो रहा है।

मैंने उसकी एक न सुनी और पहले तो उसकी आराम से चुदाई की और आराम से झटके मारे और उसके होटों पर अपने होंट रख दिए और आराम से चोदने लगा।

थोड़ी देर में वो बोली- अब कण्ट्रोल नहीं होता, डाल दो सारा का सारा।

मैंने उसकी बात को मानते हुए अपना 7 इंच का लंड उसकी चूत में उतार दिया और वो जोर से चिल्लाई- हाई माँ मार दी साले ने !

बस मैं उसकी तरफ न देखते हुए उसे चोदता रहा और वो भी मेरा साथ दे रही थी।

मैं जोर जोर से झटके मार रहा था और चारु भी मेरा साथ दे रही थी। ऐसा लग रहा था कि जैसे उसे दर्द हो ही न रहा हो !

मैंने पूछा तो बोली- दर्द से बड़ी प्यास है ! पहले मेरी प्यास बुझ जाये ! प्लीज फाड़ डालो ! होने दो दर्द।

करीब 20 मिनट चोदने के बाद मैं झड़ गया और वो भी।

हम एक बिस्तर पर पड़े हुए गहरी सांसें ले रहे थे और काफ़ी देर तक हम ऐसे ही लेटे रहे।

फिर वो बोली- संदीप, आई लव यू ! मैंने कभी सोचा भी नहीं था कि तुम इतना मजा दे पाओगे क्यूंकि तुम मुझसे छोटे हो !

तो मैंने कहा- लंड तो बड़ा है न?

जब हम उठे तो देखा कि बिस्तर पर खून !

वो डर गई !

मैंने उसे समझाया कि ऐसा पहली बार में होता है, बस थोड़ी देर में सब ठीक हो जायेगा।

बस मैंने उसे दो बार और चोदा, अब उसकी शादी हो गई है और मैं बिल्कुल अकेला हूँ, मेरा तो लंड हर रोज तंग करता है कि मुझे चूत चाहिये।

मुझे जरूर बताना कि मेरी कहानी कैसी लगी, मुझे ईमेल जरुर करना।

sandeepsharma0421@gmail.com 

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