मिसेस नालिया बोली :- शेखर, क्या तुम बुर चोद लेते हो ? पहले कभी किसी की बुर चोदी है तुमने ? कितना बड़ा है तेरा लण्ड ? बुर चोदने वाला हो गया है तेरा लण्ड ? बुर और चूत में फरक क्या है जानते हो तुम ?
शेखर ने जबाब दिया :- मैं यह बिलकुल नहीं जानता की बुर और चूत में फरक क्या है ? लेकिन हां बुर जरुर चोद लेता हूँ . मैंने कॉलेज के दिनों में लड़कियों की बुर चोदा है .
मिसेस नालिय :- तुमने किसकी बुर चोदी है अभी तक ?
शेखर :- अपनी गर्ल फ्रेंड की बुर चोदा है मैंने . उसकी एक दोस्त की भी बुर चोदा है मैंने .
मिसेस नालिया ने पूंछा :- कितना बड़ा है तेरा लण्ड ?
शेखर ने बताया :- मैंने कभी नापा नहीं, भाभी ? अगली बार नाप कर आऊँगा .
मिसेस नालिया ने कहा :- अच्छा खोल कर दिखाओ अपना लण्ड ?
शेखर बोला :- अरे भाभी , जिनको देखना होता है वो खुद ही खोल लेती है लण्ड ?
मिसेस नालिया :- इसका मतलब मैं खोल कर देखूं तेरा लण्ड ?
शेखर :- नहीं भाभी आप क्यों खोलेंगी ? जिसको नापना होगा वह खोलेगा ? और भाभी , लण्ड तो खड़ा होने पर ही नापा जायेगा न ?
मिसेस नालिया :- तुम बड़े हरामी हो यार ? बड़े चालक भी हो, भोषड़ी के ? तुम चाहते हो मादर चोद की मैं तेरा लण्ड खड़ा करूँ और फिर नापूं ?
शेखर :- अच्छा एक बात बताओ न मुझे आप यह सब क्यों पूंछ रही है मुझसे ?
मिसेस नालिया :- मैं चाहती हूँ की तुम मेरी बहन की बुर चोदो . बताओ, मेरी बहन की बुर चोदोगे तुम ?
मैं मिसेस नालिया हूँ . ३१ साल की एक बिवाहित औरत . मैं खूबसूरत हूँ सेक्सी हूँ और स्वाभाव से एक मस्त और खुली हुई औरत हूँ . मुझे सेक्स में किसी से परहेज नहीं है . अगर मुझे कोई मर्द पसंद आ जाता है तो मैं उसका मज़ा जरुर ले लेती हूँ . उसे नजदीक जाती हूँ . बार बार मिलती हूँ और एक दिन उसे घर बुला कर बड़ी बेशर्मी से बिंदास बातें करने लगती हूँ . और ऐसे में जब भी मौका मिलता है तो मैं अश्लील बातें करने लगती हूँ . अगर उसे मेरी बातों में मज़ा आता है तो मैं देर नहीं करती . बस हाथ बढाकर उसका लण्ड पैंट के ऊपर से ही दबा देती हूँ और लण्ड देखने की इच्छा ज़ाहिर कर देती हूँ . जब लण्ड में हाथ आ जाता है तो समझो की वह मेरे जाल में फंस गया . फिर शुरू होता है चोदा चोदी का कर्यक्रम . खूब जम कर बिंदास चुदवाती हूँ . मर्द को पूरा मज़ा देती हूँ और पूरा मज़ा लेती हूँ .
शेखर उस ऑफिस में काम करता है जहाँ मैं अक्सर जाया करती हूँ . मेरा काम वही करता है . धीरे धीरे मुझे शेखर अच्छा लगने लगा . वह काम में तेज है . स्मार्ट है . तगड़ा तंदुरुस्त है . मैंने उसे एक दिन एक रेस्टुरेंट में बुलाया और चाय एक सतह पी. फिर कुछ दिन बाद मैंने उसे किसी काम के लिए अपने घर बुलाया . उस दिन तो केवल नास्ता वगैरह करा कर वापस कर दिया . लेकिन कुछ दिन बाद फिर बुलाया और उससे खुल कर बात की . व्हिस्की भी पिलाई और उसके साथ बैठ कर पिया . मैं धीरे धीरे उससे खुलने लगी और वह भी . मैंने नॉन वेज चुटकुलों से शुरू किया तो उसने खूब मज़ा लिया . फिर उसने भी सुनाया . अब माहौल ऐसा बन गया की हम दोनों लण्ड बुर चूत चोदना चोदी आदि के बातें करने लगे . इतने में मेरी मौसी की लड़की जूही आ गयी . वह मेरी छोटी बहन है . अगर वह नहीं आती तो मैं अब तक शेखर से चुदवा चुकी होती ?
जूही मुझे अपनी दीदी नहीं दोस्त समझती है . मुझसे कुछ भी नहीं छिपाती . यहाँ कॉलेज में पढ़ती है और मेरे साथ ही रहती है दोस्तों, मैं आपको बताना चाहूंगी की जूही मेरी दोस्त कैसे बनी ? एकदिन मैं घर थोडा जल्दी आ गयी . मैंने देखा की जूही किसी लड़की के साथ बैठी हुई बात कर रही है . उसे नहीं मालूम हुआ की मैं घर के अन्दर हूँ . वह बात करती रही . उत्सुकता बस मैं छिप कर उसकी बातें सुनती रही .
जूही :- यार, सीमा आजकल विशाल शायद कुछ लड़कियों के आगे पीछे ज्यादा घूमने लगा है ? तुम भी लिफ्ट दे रही हो उसे . क्या तुमको वह बहुत अच्छा लगता है ? क्या उसको मेरी चूंचियां पसंद नहीं है ?
सीमा :- नहीं यार, वह खुद ही आजकल मेरे आगे पीछे घूमा करता है .
जूही :- तो क्या उसे तू बहुत ज्यादा पसंद आ रही है ?
सीमा:- नहीं ऐसी बात नहीं है यार ? वह तुम्हे भी बहुत चाहता है .
जूही :- तुने क्या उसका लन्ड पकड़ा है ? उसने कभी तेरी चूंचियां मसली है . ?
सीमा :- नहीं अभी नहीं पकड़ा ?
जूही :- अच्छा सही सही बताओ मुझे क्या तुम उससे चुदवाना चाहती हो ?
सीमा:- नहीं यार मुझे चुदवाना होगा तो मैं पहले तुम्हे बता दूँगी यार, मुझ पर भरोषा रख ?
जूही :- देख सीमा बड़ी मुस्किल से मैंने एक लन्ड पकड़ने का इंतजाम किया है . तू जानती है की मैं भी जवान हूँ . मुझे भी लन्ड अच्छे लगते है लेकिन यार मैंने आज तक कोई लन्ड अच्छी तरह नहीं पकड़ा ? मैं लन्ड के लिए तरस रही हूँ . मेरी चूत लन्ड के बिना तड़प रही है . मैं विशाल का लन्ड पकड़ना चाहती हूँ . उससे चुदवाना चाहती हूँ . तू बता इसमें गलत क्या है ?
सीमा :- यार मैं समझती हूँ सब ? देख जूही मेरा एक दोस्त तारिक अली है न ? सुना है उसका लौड़ा बड़ा जबरदस्त है ? मुस्लिम लण्ड वैसे भी बड़ा मजेदार होता है . यार एक दिन तुम उसका लण्ड पकड़ो ? मैं किसी दिन उसे फुर्सत से तेरे पास ले आऊंगी . मैं खुद ही पकड़ा दूँगी तुझे उसका लन्ड ? बल्कि मैं ही पेलूंगी लन्ड तेरी चूत में . मैं दिखा दूँगी की मैं तेरी पक्की दोस्त हूँ .
इतने में मेरे मोबाईल की घंटी बज उठी और मैं थोडा दूर चली गयी . मैं इतना तो समझ गयी की जूही लडको से चुदवाना चाहती है . उसको लण्ड का चस्का लग रहा है . वह भी मेरी तरह लण्ड की दीवानी हो रही है . बस हमारी दोस्ती और पक्की हो जाएगी .
.एक हफ्ते बाद विशाल फिर मेरे घर आया . उसने कहा मैं जूही से मिलना चाहता हूँ . मैंने कहा आओ अन्दर बैठो न प्लीज . वह बैठ गया . मैं अन्दर गयी जल्दी से एक गाउन पहन लिया . नीचे बिलकुल नंगी हो गयी . मैंने झुक कर उसकी मेज पर पानी का गिलास रखा और अपनी चूंचियां थोडा रुक कर दिखा दिया . उसकी निगाह अन्दर तक गयी ., फिर चाय पिलाई और कहा की जूही अभी कहीं बाहर गयी है . मेरे लायक कोई काम तो बताओ ? मैं उससे सैट कर बैठ गयी , मेरी नज़र उसके टांगो के बीच थी . तब उसने कहा की भाभी जूही से कह देना की मैं आया था उससे मिलने ? खैर कोई बात नहीं है . और हां भाभी जूही की एक दोस्त है सीमा उसने जूही के लिए एक सन्देश लिख कर भेजा है .
सन्देश यह है डियर जूही, मैं वास्तव में खुद ही तारिक को अपने साथ लाना चाहती थी और उसका लण्ड तेरी बुर में पेलना चाहती थी लेकिन मैं किसी काम के लिए बाहर जा रही हूँ . इसलिए मैं तारिक को तेरे पास भेज रही हूँ . उससे चुदवा कर मुझे बताना की उसका लण्ड कैसा लगा तुम्हे ? तुम्हारी प्यारी दोस्त सीमा .
विशाल ने बताया की तारिक नाम का एक लड़का कल शाम को उससे जरुर मिलगा . मैं समझ गयी की यह तारिक कौन है ? और जूही उससे क्यों मिलना चाहती है ? जूही ने उसका लण्ड पकड़ने का प्लान बना रखा है .
मैंने कहा विशाल तुम बहुत स्मार्ट हो मुझे बहुत अच्छे लग रहे हो . मैंने ऐसा कह कर उसकी जाँघों पर हाथ फेरा तो उसके अन्दर सुरसुराहट पैदा हो गयी . मैंने फिर देर नहीं लगाई और बड़ी बेशर्मी से कहा अपना यह ( लण्ड पर हाथ मारते हुए कहा ) दिखाओ न प्लीज ? उसका मुह लाल हो गया . मैं पैंट की जिप खोलने लगी . उसने कहा भाभी अगर जूही आ गयी तो वह क्या कहेगी ? मैंने कहा कुछ नहीं कहेगी भोषड़ी वाली बस वह भी तेरा लण्ड पकड़ लेगी और क्या . वह तो तुमसे चुदवाना चाहती है बुर चोदी . उसकी चूत बड़ी मस्त है यार . तुम चिंता न करो मैं ही तेरा लण्ड उसकी चूत में घुसेड दूँगी .
ऐसा कहते हुए मैंने उसका लण्ड खोल कर बाहर निकाल लिया . लण्ड को थोडा सहलाया तो लण्ड टन टना गया . खड़ा हो गया . सुपाडा मस्त होकर फूल गया . मैं खुश हो गयी और लण्ड चाटने लगी . मैंने अपनी चूंचियां खोल रखी थी . विशाल को चूंचियां पकडाई तो वह भी मस्ताने लगा . मैंने लण्ड मुह में लिया और चूसा . विशाल का पहला चांस था . मैं समझ गयी अभी पहली बार विशाल मेरी चूत नहीं चोद सकता . जल्दी ही झड जायेगा . इसलिए मैंने लण्ड मुठ्ठी में लिया और ऊपर नीचे करने लगी . मुठ्ठ मारने लगी . थोड़ी देर में वह झड गया . मैंने झड़ते हुए लण्ड का मज़ा लिया . लण्ड का स्वाद लिया . बड़ा मज़ा आया . मुझे यकीन हो गया की अब मैं तारिक के लण्ड का भी मज़ा ले लूंगी .
जूही जब वापस आयी तो मैंने कहा :- हाय जूही, तेरे बॉय फ्रेंड विशाल का लौड़ा तो जबरदस्त है ? मैंने सीमा का लिखित सन्देश भी उसे दे दिया . जूही पढ़ कर खुश भी हुई और वह थोडा सकपका गयी की मेरी सारी बातें मेरी दीदी को मालूम हो गयी है .
जूही मेरा मुह देखने लगी . वह मुझे सुन कर भौचक्की रह गयी . उसके मुह में कोई आवाज़ नहीं निकली . .
तब मैंने कहा :- जूही मैं सब जानती हूँ . तुम घबराओ नहीं . अब तुम जवान हो गयी हो . मैं जानती हूँ की तुम्हारे अन्दर क्या चल रहा है ? मैंने उस दिन तुम्हारी और सीमा की बातें सुन ली है . मैं सब समझ गयी हूँ . और सुनो तेरी पसंद का लड़का तारिक भी आ रहा है जिसका लन्ड तुम पकड़ना चाहती हो ? तुम कल विशाल को घर ले आओ और मजे से उसका लन्ड पकड़ो और खूब चुदाओ . मैंने उसका लन्ड पकड़ा है . लन्ड मस्त है मोटा भी मजे का है . मैंने उसका मुठ्ठ मारा है और लन्ड का स्वाद लिया है बस . तुम पहले चुदवा लो उससे उसके बाद मैं भी चुदवाऊँगी . यह सुनकर जूही मेरे से चिपट गयी बोली हाय दीदी तुमने तो मेरे दिल की बात कह दी . मैंने कहा जूही आज से मैं तेरी दीदी नहीं बल्कि दोस्त हूँ .
दूसरे दिन शाम को तारिक जब आया तो मैंने ही दरवाजा खोला लड़का मुझे भी पसंद आया . मैंने कहा तुम जूही से मिलाने आये हो न ? उसने कहा हां मैडम . मैंने कहा मैं उसकी दोस्त हूँ . मैं सब जानती हूँ की तुम किसलिए आये हो . ऐसा कह कर मैंने उसके लण्ड पर हाथ मारा . मैंने कहा यार तारिक जूही अन्दर बेड रूम में नंगी बैठ हुई है . मैं तुम्हे वहां नंगे नंगे ले जाना चाहती हूँ . ऐसा कहा और उसके पकडे खोल दिया . मैं भी नंगी हो गयी उसके सामने . उसका लण्ड पकड़ा और प्यार से सहलाया ? लण्ड फेन फना उठा . मैंने लण्ड चूमा और कहा तारिक तेरा लण्ड मेरे मन का है . जूही तो इसे देख कर फूली नहीं समाएगी ? मैं उसका लण्ड पकडे पकडे बेड रूम में चली गयी . तारिक ने देखा की जूही तो पहले से ही एक लण्ड पकडे हिला रही है . वह लण्ड था विशाल का . जूही आगे बढ़ी और तारिक का भी लण्ड पकड़ लिया .
उस दिन मैंने जूही को सिखाया की दो दो लण्ड से कैसे चुदवाया जाता है . ? जूही चुदवा कर मस्त हो गयी . अब वह मेरे सामने बिलकुल बेशरम हो गयी . बेहाया हो गयी . मादर चोद हो गयी . चुदक्कड हो गयी . जूही का इस तरह से चुदवाना मेरे लिया बहुत अच्छा हुआ .
एक तो बात पक्की हो गयी मैं अब उसके हसबैंड से खूब मस्त होकर चुदवाऊँगी .
तो दोस्तों, मैं आपसे कह रही थी की शेखर पूरी तरह से मेरे जाल में फंस गया था . मैं उससे अश्लील और गन्दी गन्दी बातें करने लगी थी . उस दिन मैं उसका लण्ड पकड़ने वाली ही की मेरी छोटी बहन जूही आ गयी . मैंने जूही को ऊपर भेज दिया . मैं फिर शेखर से बात करने लगी . जब उसने कहा की जिसको लण्ड देखना होता है वह खुद ही खोल कर देख लेती है . आज जब शेखर मेरे हर आया तो मैं मेरे मन आया की मैं इसका लण्ड जूही की बुर में पेलूँ . और जूही को शेखर से चुदते हुए देखूं . एक बार मालूम तो हो जाये की शेखर कैसे चोदता है ? अगर उसका लण्ड मरदाना हुआ और बढ़िया बुर चोदने वाला हुआ तो उसको अच्छी तरह चोदना तो मैं सिखा ही दूँगी .
बात चीत में मुझे लगा की शेखर को अपने लण्ड पर भरोषा है . तो मैंने जूही को ऊपर से बुला लिया और कहा जूही देखो ये शेखर मादर चोद मेरा मुह बोला देवर है . मुझसे खूब मस्त लण्ड बुर की बातें करता है . मैं चाहती हूँ की तुम इसका लण्ड खोल कर देखो और मुझे दिखाओ . जूही तो चाहती ही थी की कोई लण्ड मिले ? जूही फ़ौरन शेखर के कपडे उतारने लगी . शेखर ने उसकी चूंचियों को मसलना शुरू कर दिया . जब वह नंगा हुआ तो लण्ड जूही ने हाथ में ले लिया . उसे हिलाया डुलाया . ऊपर से नीचे तक देखा . फिर घुटनों के बल बैठ कर लण्ड चाटने लगी . लण्ड बढ़ने लगा . थोड़ी देर में ही लण्ड टन्ना उठा पूरी तरह . मुझसे न रहा गया . मैं भी कपडे खोल कर लण्ड पकड़ने पहुँच गयी . मैं पेल्हड़ सहलाने लगी और जूही लण्ड . फिर मैंने लण्ड हाथ में लिया और जूही ने पेल्हड़ . ऐसे ही अदल बदल कर लण्ड का खूब मज़ा लिया . तब तक जूही भी नंगी गयी . मैंने उसकी चूत सहलाई तो वह लण्ड लेने के लिए बिलकुल तैयार थी . बस मैंने जूही को चित लिटाया और उसकी दोनों टांगें फैला दी . फिर शेखर का लण्ड उसकी चूत के मुह पर रखा और कहा हां शेखर अब तू जल्दी से धक्का मार और चोद ले मेरी बहन की बुर . उसने वैसा ही किया . बस चुदने लगी मेरी बहन की बुर . =०=०=०=०=०=०=०=०=०=०=०=०==०= समाप्त
शेखर ने जबाब दिया :- मैं यह बिलकुल नहीं जानता की बुर और चूत में फरक क्या है ? लेकिन हां बुर जरुर चोद लेता हूँ . मैंने कॉलेज के दिनों में लड़कियों की बुर चोदा है .
मिसेस नालिय :- तुमने किसकी बुर चोदी है अभी तक ?
शेखर :- अपनी गर्ल फ्रेंड की बुर चोदा है मैंने . उसकी एक दोस्त की भी बुर चोदा है मैंने .
मिसेस नालिया ने पूंछा :- कितना बड़ा है तेरा लण्ड ?
शेखर ने बताया :- मैंने कभी नापा नहीं, भाभी ? अगली बार नाप कर आऊँगा .
मिसेस नालिया ने कहा :- अच्छा खोल कर दिखाओ अपना लण्ड ?
शेखर बोला :- अरे भाभी , जिनको देखना होता है वो खुद ही खोल लेती है लण्ड ?
मिसेस नालिया :- इसका मतलब मैं खोल कर देखूं तेरा लण्ड ?
शेखर :- नहीं भाभी आप क्यों खोलेंगी ? जिसको नापना होगा वह खोलेगा ? और भाभी , लण्ड तो खड़ा होने पर ही नापा जायेगा न ?
मिसेस नालिया :- तुम बड़े हरामी हो यार ? बड़े चालक भी हो, भोषड़ी के ? तुम चाहते हो मादर चोद की मैं तेरा लण्ड खड़ा करूँ और फिर नापूं ?
शेखर :- अच्छा एक बात बताओ न मुझे आप यह सब क्यों पूंछ रही है मुझसे ?
मिसेस नालिया :- मैं चाहती हूँ की तुम मेरी बहन की बुर चोदो . बताओ, मेरी बहन की बुर चोदोगे तुम ?
मैं मिसेस नालिया हूँ . ३१ साल की एक बिवाहित औरत . मैं खूबसूरत हूँ सेक्सी हूँ और स्वाभाव से एक मस्त और खुली हुई औरत हूँ . मुझे सेक्स में किसी से परहेज नहीं है . अगर मुझे कोई मर्द पसंद आ जाता है तो मैं उसका मज़ा जरुर ले लेती हूँ . उसे नजदीक जाती हूँ . बार बार मिलती हूँ और एक दिन उसे घर बुला कर बड़ी बेशर्मी से बिंदास बातें करने लगती हूँ . और ऐसे में जब भी मौका मिलता है तो मैं अश्लील बातें करने लगती हूँ . अगर उसे मेरी बातों में मज़ा आता है तो मैं देर नहीं करती . बस हाथ बढाकर उसका लण्ड पैंट के ऊपर से ही दबा देती हूँ और लण्ड देखने की इच्छा ज़ाहिर कर देती हूँ . जब लण्ड में हाथ आ जाता है तो समझो की वह मेरे जाल में फंस गया . फिर शुरू होता है चोदा चोदी का कर्यक्रम . खूब जम कर बिंदास चुदवाती हूँ . मर्द को पूरा मज़ा देती हूँ और पूरा मज़ा लेती हूँ .
शेखर उस ऑफिस में काम करता है जहाँ मैं अक्सर जाया करती हूँ . मेरा काम वही करता है . धीरे धीरे मुझे शेखर अच्छा लगने लगा . वह काम में तेज है . स्मार्ट है . तगड़ा तंदुरुस्त है . मैंने उसे एक दिन एक रेस्टुरेंट में बुलाया और चाय एक सतह पी. फिर कुछ दिन बाद मैंने उसे किसी काम के लिए अपने घर बुलाया . उस दिन तो केवल नास्ता वगैरह करा कर वापस कर दिया . लेकिन कुछ दिन बाद फिर बुलाया और उससे खुल कर बात की . व्हिस्की भी पिलाई और उसके साथ बैठ कर पिया . मैं धीरे धीरे उससे खुलने लगी और वह भी . मैंने नॉन वेज चुटकुलों से शुरू किया तो उसने खूब मज़ा लिया . फिर उसने भी सुनाया . अब माहौल ऐसा बन गया की हम दोनों लण्ड बुर चूत चोदना चोदी आदि के बातें करने लगे . इतने में मेरी मौसी की लड़की जूही आ गयी . वह मेरी छोटी बहन है . अगर वह नहीं आती तो मैं अब तक शेखर से चुदवा चुकी होती ?
जूही मुझे अपनी दीदी नहीं दोस्त समझती है . मुझसे कुछ भी नहीं छिपाती . यहाँ कॉलेज में पढ़ती है और मेरे साथ ही रहती है दोस्तों, मैं आपको बताना चाहूंगी की जूही मेरी दोस्त कैसे बनी ? एकदिन मैं घर थोडा जल्दी आ गयी . मैंने देखा की जूही किसी लड़की के साथ बैठी हुई बात कर रही है . उसे नहीं मालूम हुआ की मैं घर के अन्दर हूँ . वह बात करती रही . उत्सुकता बस मैं छिप कर उसकी बातें सुनती रही .
जूही :- यार, सीमा आजकल विशाल शायद कुछ लड़कियों के आगे पीछे ज्यादा घूमने लगा है ? तुम भी लिफ्ट दे रही हो उसे . क्या तुमको वह बहुत अच्छा लगता है ? क्या उसको मेरी चूंचियां पसंद नहीं है ?
सीमा :- नहीं यार, वह खुद ही आजकल मेरे आगे पीछे घूमा करता है .
जूही :- तो क्या उसे तू बहुत ज्यादा पसंद आ रही है ?
सीमा:- नहीं ऐसी बात नहीं है यार ? वह तुम्हे भी बहुत चाहता है .
जूही :- तुने क्या उसका लन्ड पकड़ा है ? उसने कभी तेरी चूंचियां मसली है . ?
सीमा :- नहीं अभी नहीं पकड़ा ?
जूही :- अच्छा सही सही बताओ मुझे क्या तुम उससे चुदवाना चाहती हो ?
सीमा:- नहीं यार मुझे चुदवाना होगा तो मैं पहले तुम्हे बता दूँगी यार, मुझ पर भरोषा रख ?
जूही :- देख सीमा बड़ी मुस्किल से मैंने एक लन्ड पकड़ने का इंतजाम किया है . तू जानती है की मैं भी जवान हूँ . मुझे भी लन्ड अच्छे लगते है लेकिन यार मैंने आज तक कोई लन्ड अच्छी तरह नहीं पकड़ा ? मैं लन्ड के लिए तरस रही हूँ . मेरी चूत लन्ड के बिना तड़प रही है . मैं विशाल का लन्ड पकड़ना चाहती हूँ . उससे चुदवाना चाहती हूँ . तू बता इसमें गलत क्या है ?
सीमा :- यार मैं समझती हूँ सब ? देख जूही मेरा एक दोस्त तारिक अली है न ? सुना है उसका लौड़ा बड़ा जबरदस्त है ? मुस्लिम लण्ड वैसे भी बड़ा मजेदार होता है . यार एक दिन तुम उसका लण्ड पकड़ो ? मैं किसी दिन उसे फुर्सत से तेरे पास ले आऊंगी . मैं खुद ही पकड़ा दूँगी तुझे उसका लन्ड ? बल्कि मैं ही पेलूंगी लन्ड तेरी चूत में . मैं दिखा दूँगी की मैं तेरी पक्की दोस्त हूँ .
इतने में मेरे मोबाईल की घंटी बज उठी और मैं थोडा दूर चली गयी . मैं इतना तो समझ गयी की जूही लडको से चुदवाना चाहती है . उसको लण्ड का चस्का लग रहा है . वह भी मेरी तरह लण्ड की दीवानी हो रही है . बस हमारी दोस्ती और पक्की हो जाएगी .
.एक हफ्ते बाद विशाल फिर मेरे घर आया . उसने कहा मैं जूही से मिलना चाहता हूँ . मैंने कहा आओ अन्दर बैठो न प्लीज . वह बैठ गया . मैं अन्दर गयी जल्दी से एक गाउन पहन लिया . नीचे बिलकुल नंगी हो गयी . मैंने झुक कर उसकी मेज पर पानी का गिलास रखा और अपनी चूंचियां थोडा रुक कर दिखा दिया . उसकी निगाह अन्दर तक गयी ., फिर चाय पिलाई और कहा की जूही अभी कहीं बाहर गयी है . मेरे लायक कोई काम तो बताओ ? मैं उससे सैट कर बैठ गयी , मेरी नज़र उसके टांगो के बीच थी . तब उसने कहा की भाभी जूही से कह देना की मैं आया था उससे मिलने ? खैर कोई बात नहीं है . और हां भाभी जूही की एक दोस्त है सीमा उसने जूही के लिए एक सन्देश लिख कर भेजा है .
सन्देश यह है डियर जूही, मैं वास्तव में खुद ही तारिक को अपने साथ लाना चाहती थी और उसका लण्ड तेरी बुर में पेलना चाहती थी लेकिन मैं किसी काम के लिए बाहर जा रही हूँ . इसलिए मैं तारिक को तेरे पास भेज रही हूँ . उससे चुदवा कर मुझे बताना की उसका लण्ड कैसा लगा तुम्हे ? तुम्हारी प्यारी दोस्त सीमा .
विशाल ने बताया की तारिक नाम का एक लड़का कल शाम को उससे जरुर मिलगा . मैं समझ गयी की यह तारिक कौन है ? और जूही उससे क्यों मिलना चाहती है ? जूही ने उसका लण्ड पकड़ने का प्लान बना रखा है .
मैंने कहा विशाल तुम बहुत स्मार्ट हो मुझे बहुत अच्छे लग रहे हो . मैंने ऐसा कह कर उसकी जाँघों पर हाथ फेरा तो उसके अन्दर सुरसुराहट पैदा हो गयी . मैंने फिर देर नहीं लगाई और बड़ी बेशर्मी से कहा अपना यह ( लण्ड पर हाथ मारते हुए कहा ) दिखाओ न प्लीज ? उसका मुह लाल हो गया . मैं पैंट की जिप खोलने लगी . उसने कहा भाभी अगर जूही आ गयी तो वह क्या कहेगी ? मैंने कहा कुछ नहीं कहेगी भोषड़ी वाली बस वह भी तेरा लण्ड पकड़ लेगी और क्या . वह तो तुमसे चुदवाना चाहती है बुर चोदी . उसकी चूत बड़ी मस्त है यार . तुम चिंता न करो मैं ही तेरा लण्ड उसकी चूत में घुसेड दूँगी .
ऐसा कहते हुए मैंने उसका लण्ड खोल कर बाहर निकाल लिया . लण्ड को थोडा सहलाया तो लण्ड टन टना गया . खड़ा हो गया . सुपाडा मस्त होकर फूल गया . मैं खुश हो गयी और लण्ड चाटने लगी . मैंने अपनी चूंचियां खोल रखी थी . विशाल को चूंचियां पकडाई तो वह भी मस्ताने लगा . मैंने लण्ड मुह में लिया और चूसा . विशाल का पहला चांस था . मैं समझ गयी अभी पहली बार विशाल मेरी चूत नहीं चोद सकता . जल्दी ही झड जायेगा . इसलिए मैंने लण्ड मुठ्ठी में लिया और ऊपर नीचे करने लगी . मुठ्ठ मारने लगी . थोड़ी देर में वह झड गया . मैंने झड़ते हुए लण्ड का मज़ा लिया . लण्ड का स्वाद लिया . बड़ा मज़ा आया . मुझे यकीन हो गया की अब मैं तारिक के लण्ड का भी मज़ा ले लूंगी .
जूही जब वापस आयी तो मैंने कहा :- हाय जूही, तेरे बॉय फ्रेंड विशाल का लौड़ा तो जबरदस्त है ? मैंने सीमा का लिखित सन्देश भी उसे दे दिया . जूही पढ़ कर खुश भी हुई और वह थोडा सकपका गयी की मेरी सारी बातें मेरी दीदी को मालूम हो गयी है .
जूही मेरा मुह देखने लगी . वह मुझे सुन कर भौचक्की रह गयी . उसके मुह में कोई आवाज़ नहीं निकली . .
तब मैंने कहा :- जूही मैं सब जानती हूँ . तुम घबराओ नहीं . अब तुम जवान हो गयी हो . मैं जानती हूँ की तुम्हारे अन्दर क्या चल रहा है ? मैंने उस दिन तुम्हारी और सीमा की बातें सुन ली है . मैं सब समझ गयी हूँ . और सुनो तेरी पसंद का लड़का तारिक भी आ रहा है जिसका लन्ड तुम पकड़ना चाहती हो ? तुम कल विशाल को घर ले आओ और मजे से उसका लन्ड पकड़ो और खूब चुदाओ . मैंने उसका लन्ड पकड़ा है . लन्ड मस्त है मोटा भी मजे का है . मैंने उसका मुठ्ठ मारा है और लन्ड का स्वाद लिया है बस . तुम पहले चुदवा लो उससे उसके बाद मैं भी चुदवाऊँगी . यह सुनकर जूही मेरे से चिपट गयी बोली हाय दीदी तुमने तो मेरे दिल की बात कह दी . मैंने कहा जूही आज से मैं तेरी दीदी नहीं बल्कि दोस्त हूँ .
दूसरे दिन शाम को तारिक जब आया तो मैंने ही दरवाजा खोला लड़का मुझे भी पसंद आया . मैंने कहा तुम जूही से मिलाने आये हो न ? उसने कहा हां मैडम . मैंने कहा मैं उसकी दोस्त हूँ . मैं सब जानती हूँ की तुम किसलिए आये हो . ऐसा कह कर मैंने उसके लण्ड पर हाथ मारा . मैंने कहा यार तारिक जूही अन्दर बेड रूम में नंगी बैठ हुई है . मैं तुम्हे वहां नंगे नंगे ले जाना चाहती हूँ . ऐसा कहा और उसके पकडे खोल दिया . मैं भी नंगी हो गयी उसके सामने . उसका लण्ड पकड़ा और प्यार से सहलाया ? लण्ड फेन फना उठा . मैंने लण्ड चूमा और कहा तारिक तेरा लण्ड मेरे मन का है . जूही तो इसे देख कर फूली नहीं समाएगी ? मैं उसका लण्ड पकडे पकडे बेड रूम में चली गयी . तारिक ने देखा की जूही तो पहले से ही एक लण्ड पकडे हिला रही है . वह लण्ड था विशाल का . जूही आगे बढ़ी और तारिक का भी लण्ड पकड़ लिया .
उस दिन मैंने जूही को सिखाया की दो दो लण्ड से कैसे चुदवाया जाता है . ? जूही चुदवा कर मस्त हो गयी . अब वह मेरे सामने बिलकुल बेशरम हो गयी . बेहाया हो गयी . मादर चोद हो गयी . चुदक्कड हो गयी . जूही का इस तरह से चुदवाना मेरे लिया बहुत अच्छा हुआ .
एक तो बात पक्की हो गयी मैं अब उसके हसबैंड से खूब मस्त होकर चुदवाऊँगी .
तो दोस्तों, मैं आपसे कह रही थी की शेखर पूरी तरह से मेरे जाल में फंस गया था . मैं उससे अश्लील और गन्दी गन्दी बातें करने लगी थी . उस दिन मैं उसका लण्ड पकड़ने वाली ही की मेरी छोटी बहन जूही आ गयी . मैंने जूही को ऊपर भेज दिया . मैं फिर शेखर से बात करने लगी . जब उसने कहा की जिसको लण्ड देखना होता है वह खुद ही खोल कर देख लेती है . आज जब शेखर मेरे हर आया तो मैं मेरे मन आया की मैं इसका लण्ड जूही की बुर में पेलूँ . और जूही को शेखर से चुदते हुए देखूं . एक बार मालूम तो हो जाये की शेखर कैसे चोदता है ? अगर उसका लण्ड मरदाना हुआ और बढ़िया बुर चोदने वाला हुआ तो उसको अच्छी तरह चोदना तो मैं सिखा ही दूँगी .
बात चीत में मुझे लगा की शेखर को अपने लण्ड पर भरोषा है . तो मैंने जूही को ऊपर से बुला लिया और कहा जूही देखो ये शेखर मादर चोद मेरा मुह बोला देवर है . मुझसे खूब मस्त लण्ड बुर की बातें करता है . मैं चाहती हूँ की तुम इसका लण्ड खोल कर देखो और मुझे दिखाओ . जूही तो चाहती ही थी की कोई लण्ड मिले ? जूही फ़ौरन शेखर के कपडे उतारने लगी . शेखर ने उसकी चूंचियों को मसलना शुरू कर दिया . जब वह नंगा हुआ तो लण्ड जूही ने हाथ में ले लिया . उसे हिलाया डुलाया . ऊपर से नीचे तक देखा . फिर घुटनों के बल बैठ कर लण्ड चाटने लगी . लण्ड बढ़ने लगा . थोड़ी देर में ही लण्ड टन्ना उठा पूरी तरह . मुझसे न रहा गया . मैं भी कपडे खोल कर लण्ड पकड़ने पहुँच गयी . मैं पेल्हड़ सहलाने लगी और जूही लण्ड . फिर मैंने लण्ड हाथ में लिया और जूही ने पेल्हड़ . ऐसे ही अदल बदल कर लण्ड का खूब मज़ा लिया . तब तक जूही भी नंगी गयी . मैंने उसकी चूत सहलाई तो वह लण्ड लेने के लिए बिलकुल तैयार थी . बस मैंने जूही को चित लिटाया और उसकी दोनों टांगें फैला दी . फिर शेखर का लण्ड उसकी चूत के मुह पर रखा और कहा हां शेखर अब तू जल्दी से धक्का मार और चोद ले मेरी बहन की बुर . उसने वैसा ही किया . बस चुदने लगी मेरी बहन की बुर . =०=०=०=०=०=०=०=०=०=०=०=०==०= समाप्त
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